यीशु रख सलीब के पास चश्मा जहाँ बहता
मिलता मुफ़्त जो सभी को कलवरी से निकलता
क्रूस पर खास, क्रूस पर खास होगी मेरी नज़र
जब तक मेरी रूह खुश हो जाएगी आसमान पर
क्रूस पर खास मैं गुनाहगार प्यार को देख खुश हुआ
वहाँ दुःख मुसीबत में मेरा मुंजी मुआ
क्रूस के पास ऐ बर्रे खास देखूँ तेरे दर्द को
चलूँ जब मैं रोज़-ब-रोज़, पनाह खास सलीब हो
क्रूस के पास मैं ठहरूँगा इस उम्मीद को रख के
की सुनहरे वतन में पहुँचूँगा इस धार से